क्योंकि तुम हो ही ऐसी| क्योंकि तुम हो ही ऐसी|
तप - तप तपती मरू धरा में जीवन का संघर्ष सही प्यास बुझाने उन शुष्क कंठ की स्वयं की प तप - तप तपती मरू धरा में जीवन का संघर्ष सही प्यास बुझाने उन शुष्क कंठ की स्वय...
तेरे लिए सर पे रखकर मटकी, ग्वालिन नित् गलियों में भटकी, तेरे लिए कितने भेष बनाए, बन तेरे लिए सर पे रखकर मटकी, ग्वालिन नित् गलियों में भटकी, तेरे लिए कितने भेष...
तू भी मुझसे मिलने को कई घंटों इंतजार करता तू भी मुझसे मिलने को कई घंटों इंतजार करता
झूल रही थी जिस दिन झूला उस दिन था तूने बोला पेंग बढ़ा कर नभ को छूना वहाँ तेरा मामा झूल रही थी जिस दिन झूला उस दिन था तूने बोला पेंग बढ़ा कर नभ को छूना वहा...
तेरा मेरी हर बात को दिल में उतारना याद है मुझे तेरा मेरी हर बात को दिल में उतारना याद है मुझे